गर्भावस्था में विटामिन सी का महत्व
प्रेग्नेंसी महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है l इन दिनों में महिलाओं को अच्छे से अच्छे भोजन का सेवन करके अपने आप को स्वस्थ रखना जरूरी होता है l अच्छी अच्छी चीजों में सिर्फ मीठी स्पाइसी या बाहर की चीजों का समावेश नही होता बल्कि सभी तरह के विटामिन, मिनरल्स से भरभूर चीजों का समावेश होता ही l
जब महिला पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेती है तब मां और बच्चा दोनों भी स्वस्थ रहते है l
विटामिन सी एक ऐसा विटामिन है जो मां और बच्चे की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है l
प्रेग्नेसी के दौरान महिलाओं के शरीर की इम्यूनिटी पावर याने प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है l ऐसे समय में महिला किसी भी बीमारी का शिकार जल्दी बन सकती है l विटामिन सी शरीर की इम्युनिटी पावर को मजबूत बनाने का काम करता है lइम्यूनिटी पॉवर अच्छी होने पर हम लंबे समय के लिए स्वस्थ रह सकते है।
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को आयरन की बहुत ज्यादा जरूरत होती है l आयरन बच्चे के विकास के लिए जरूरी होता है l विटामिन सी आयरन के अवशोषण में सहायता करता है l
गर्भावस्था में विटामिन सी का महत्व
गर्भवती महिला के शरीर में डिलीवरी के बाद भी आयरन की अच्छी मात्रा होना जरुरी है l इसलिए डिलीवरी के बाद महिलाओं को आयरन और विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए l
विटामिन सी में एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा मौजूद होती है lएंटीऑक्सीडेंट शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलते है l आपके शरीर को किसी भी संक्रमण से बचाते है l
कई बार गर्भवस्था के दौरान महिलों के चेहरे पर पिंपल्स आने लगते है तो ऐसे समय में विटामिन सी आपको पिंपल्स को समस्या से बचाता है l यह त्वचा को हाइड्रेट रखता है जिससे पिंपल्स की समस्या कम होती है l
प्रेग्नेसी के कारण त्वचा पर स्ट्रेच मार्क्स आते है l विटामिन सी के नियमित सेवन से स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से छुटकारा मिलता है l
गर्भावस्था में विटामिन सी
भ्रूण के शारीरिक विकास के लिए उसके दिमाग के विकास के लिए विटामिन सी बहुत उपयोगी होता है l इसलिए महिलाओंको गर्भावस्था के दौरान विटामिन सी युक्त चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए l
गर्भावस्था के दौरान बच्चे के दिमाग के विकास के लिए विटामिन सी बहुत ही जरूरी होता है l
विटामिन सी बच्चे की बौद्धिक कार्यक्षमता को बढ़ावा देता है l
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को लगभग 8085 मिलीग्राम विटामिन सी लेना चाहिए l प्रसूति के बाद महिलाओं को 115 120 मिलीग्राम विटामिन सी लेना चाहिएl
गर्भावस्था में विटामिन सी की कमी से होनेवाले नुकसान
गर्भावस्था में विटामिन सी की कमी के कारण महिलाए बार बार बीमार पड़ सकती है l
गर्भावस्था के दौरान विटामिन सी की योग्य मात्रा न लेने के कारण बच्चे के दिमाग का विकास ठीक तरह से नही हो पाता l
विटामिन सी से भरपूर पदार्थ
जो भी खट्टे फल होते है उनमें विटामिन सी की मात्रा बहुत ज्यादा होती हैl
नींबू, संतरा, मौसमी विटामिन सी के सबसे अच्छे स्रोत है l
कीवी भी एक खट्टा मीठा फल है इसमें भी विटामिन सी की अच्छी मात्रा मौजूद होती है l माना की ये थोड़ा महंगा है लेकिन कभी कभी इसे हम खा सकते है l
टमाटर में भी अच्छी मात्रा में विटामिन सी होता है इसको हम कई प्रकार से खा सकते है l
टमाटर की सब्जी बना सकते है, सलाद बना सकते है, टमाटर सूप बना सकते हैं l किसी को कच्चा टमाटर पसंद है तो उसे कच्चा खा सकते है l
स्ट्रॉबेरी, अंगूर, बेरीज में भी विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती हैl
केला, सेब,आम जैसे फलों में भी विटामिन सी की कुछ मात्रा पाई जाती है l
शिमला मिर्च, ब्रोकोली, फूलगोभी जैसी सब्जियों में भी विटामिन सी मौजूद होता है l
शकरकंद याने स्वीट पोटेटो भी विटामिन सी से भरपूर होता हैl
दही में भी कुछ मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता हैl
इमली जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बेहद पसंद आती है, इमली का नाम सुनते ही मूंह में पानी आने लगता है l
गर्भावस्था के दौरान अगर आपको सर्दी खांसी की तकलीफ नहीं है तो आप इमलिया खा सकती हैl
बेर में भी विटामिन सी की भरपूर मात्रा मौजूद होती है इसका भी आप सेवन कर सकते है l
गर्भावस्था में विटामिन डी का महत्व
विटामिन डी एक बेहद ही महत्वपूर्ण विटामिन है जो ज्यादातर सूरज की धूप से मिलता है l विटामिन डी हड्डियों को और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने का काम करते है l विटामिन डी दातों को मजबूत बनाता है l विटामिन डी शरीर की रोगप्रतिकार क्षमता को बढ़ाने का काम करती है l
गर्भवती महिलाओं को और प्रसूति माताओंकों हररोज 10 माइक्रोग्राम विटामिन की जरूरत होती है l
गर्भावस्था के दौरान बच्चे की हड्डियोंको मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी उपयोगी होता है l हड्डियों के साथ साथ मसल्स को मजबूत बनाने के लिए भी विटामिन जरूरी होता है l
गर्भावस्था के दौरान बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए विटामिन डी एक जरुरी विटामिन है l
विटामिन डी रक्त में शर्करा के स्तर की नियंत्रित करता है l
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फेट की मात्रा को नियंत्रित करता है l
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फेट की मात्रा को नियंत्रित करता है l
गर्भावस्था में योग्य मात्रा में डी का सेवन करने से बच्चे की हड्डियों का विकास अच्छी तरह से होता है l जन्म के बाद बच्चे का वजन भी योग्य होता है l
विटामिन डी की कमी के नुकसान
विटामिन डी की कमी के कारण रीकेट्स नाम की बीमारी हो सकती है जिसमे हड्डियां मुलायम बन जाती है l
विटामिन डी की कमी से हड्डियों के टूटने का खतरा ज्यादा होता है l
विटामिन डी का योग्य मात्रा में सेवन ना करने के कारण ओस्टियोपोरोसिस की समस्या निर्माण होती है l
प्रेग्नेंसी में योग्य मात्रा में विटामिन डी का सेवन ना करने के कारण डिलीवरी के बाद महिलों के कमर में तेज दर्द होने लगता है l कभी कभी ये दर्द जिंदगी भर भी रहता है l
विटामिन डी के स्रोत
विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूरज से मिलनी वाली धूप होती है lसुबह की धूप में बैठने के कारण शरीर विटामिन डी का अवशोषण करता है l
दूध में विटामिन डी की अच्छी मात्रा मौजूद होती है l
दूध से बनने वाली चीजे जैसे की दही, पनीर के भी कुछ मात्रा में विटामिन डी होता है l
अंडे में भी कैल्शियम के साथ साथ कुछ मात्रा में विटामिन डी मौजूद होता है l
चीज सोया मिल्क में भी विटामिन डी की अच्छी मात्रा मौजूद होती है l