म्यूकर माइकोसिस लक्षण
म्यूकर माइकोसिस क्या है?
म्यूकर माइकोसिस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है l इसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है l
फंगस याने की एक प्रकार का जीव है, जो अपना भोजन सड़े गले मृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं l म्यूकर माइकोसिस को पहले जाइगोमाइकोसिस (Zygomycosis) भी कहा जाता था l
यह फंगस वातावरण में हर जगह पर मौजूद रहता है l
म्यूकर माइकोसिस दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है लेकिन कोविड-19 बीमारी की दूसरी लहर में इसके कई केसेस देखने को मिले हैं l
म्यूकर माइकोसिस मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं या ऐसे लोग जो स्टिरॉइड और या इम्यूनो सप्रेसेंट (प्रतिरक्षादमनकारी) दवाइयों का लंबे समय से सेवन करते हैं l
यह ऐसे लोगों को अपनी चपेट में लेता है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर हो चुकी है l
जिन लोगों की ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रहती है उनको भी यह इंफेक्शन बहुत जल्दी हो सकता है l
कोविड-19 बीमारी में व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर बनती है, साथ ही कोविड-19 ठीक करने के लिए स्टेरॉइड्स की दवाओं का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है l
स्टेरॉइड्स के कारण लोगों की ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगती है और इन सब के कारण व्यक्ति म्यूकर माइकोसिस का शिकार बनता है l
म्यूकर माइकोसिस इन्फेक्शन शरीर में कहीं पर भी हो सकता है l खासकर यह साइनस, मस्तिष्क, फेफड़े, त्वचा, पेट की आंतों में होता है l
म्यूकर माइकोसिस के प्रकार
1. राइनो सेरेब्रल (साइनस और मस्तिष्क) म्यूकर माइकोसिस
राइनोसेरेब्रल म्यूकर माइकोसिस साइनस, नाक के मार्ग, मौखिक गुहा और मस्तिष्क संक्रमण है, जो सप्रोफिटिक (Saprophytic) कवक के कारण होता है l
यह संक्रमण तेजी से मौत का कारण बनता है l राइनोसेरेब्रल म्यूकर ज्यादातर डायबिटीज और इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज लोगों में देखने को मिलता है l
यह संक्रमण आमतौर पर नाक के माध्यम से शुरू होता है और पैरानैसल साइनस के माध्यम से आगे बढ़ता है l
कवक नाक के मार्ग, साइनस या कठोर तालु के ऊतक को नष्ट कर देता है l जिससे एक काला या मवाद से भरा निर्वहन और मरने वाले उत्तक जैसे पैच का उत्पादन होता है l
इसमें व्यक्ति को बुखार आने लगता है l आंखों में दर्द होने लगता है और आंखें उभार होने लगती है जिसे प्रोप्टोसिस कहा जाता है l कवक तब तक आंख के सॉकेट और मस्तिष्क के आसपास के ऊतकों पर हमला करता है l उस समय रोगी के शरीर की एक तरफ या दोनों तरफ लकवा हो सकता है l
2.पल्मोनरी (फेफड़ों संबंधी) म्यूकर माइकोसिस
पल्मोनरी म्यूकर माइकोसिस एक असामान्य कवक संक्रमण है, जो अक्सर इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज रोगियों में देखा जाता है l कवक भोजन, मिट्टी और जानवरों का मल सड़ने पर बढ़ता है l
पल्मोनरी म्यूकर माइकोसिस एक दुर्लभ बीमारी है जो लंबे समय तक न्यूट्रोपेनिया के रोगियों में होती है l
जिन लोगों में कोई अंग प्रत्यारोपण हुआ है या हेमेटोपोएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण हुआ है, उनमें यह बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है l
डिफ्रोक्सामाइन के उपचार मरीजों को भी इस का खतरा ज्यादा रहता है l
म्यूकर माइकोसिस लक्षण
व्यक्ति के शरीर में कवक कहां पर बढ़ रहा है उस बात पर इसके लक्षण निर्भर करते हैं l
- राइनो सेरेब्रल म्यूकर – चेहरे की एक तरफ सूजन आना, सिर दर्द होना, नाक या साइनस में कंजेशन होना, बुखार आना, नाक के अंदर या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव आना जो बहुत जल्दी गंभीर बनना l
- पल्मोनरी म्यूकर- बुखार, खांसी, सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना l
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल म्यूकर- पेट में दर्द होना, मतली या उल्टी आना, आंतों में रक्तस्राव होना l
- स्किन म्यूकर – त्वचा पर फफोले या अल्सर आना, त्वचा का संक्रमण हुआ हिस्सा काला होना, इसके अलावा घाव में अत्याधिक दर्द, गर्मी लालिमा होना या घाव के आसपास सूजन आना l
- डिसेमिनेटेड म्यूकर – इस प्रकार का इन्फेक्शन आमतौर पर उन लोगों में होता है, जो पहले ही किसी रोग से बीमार है इसलिए बुखार के लक्षण कौन से हैं यह जानना मुश्किल होता हैl जब संक्रमण मस्तिष्क तक फैलता है तब रोगी की मानसिक स्थिति में परिवर्तन आता है या व्यक्ति कोमा में जाता है l
रिस्क फैक्टर
- म्यूकर का खतरा उन लोगों को ज्यादा है जिनकी किसी ना किसी वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है l जिन लोगों का न्यूट्रॉफिल काउंट बहुत कम है, उन्हें भी इस का खतरा रहता है l
- मेटाबॉलिक एसिडोसिस के कारण भी म्यूकर का खतरा रहता है l
- जीन लोगों को मधुमेह हुआ है जिनकी ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रहती है, उन्हें भी म्यूकर का खतरा बहुत ज्यादा होता है l
- किडनी प्रत्यारोपण, लीवर प्रत्यारोपण या हृदय प्रत्यारोपण हुआ है ऐसे लोगों में भी इसका खतरा ज्यादा रहता है l
- कैंसर या लिंफोमा के मरीजों को भी इसका खतरा ज्यादा रहता है l
- किडनी फेलियर के मरीज लीवर फेलियर के मरीजों को भी म्यूकर होने का खतरा ज्यादा रहता है l
- स्टेरॉयड या जो लोग इम्यूनोसपरेसेंट दवाइयां लेते हैं, उन्हें भी इसका खतरा रहता है l
- कुपोषित लोग या कुपोषण का शिकार हुए बच्चों में इसका डर अधिक रहता है l
- क्षय रोग के मरीज, एचआईवी के मरीज को भी इससे बचना चाहिए l
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